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लेखक: फिलिप सी स्टेड
चित्रांकन: एरिन ई स्टेड
हिंदी अनुवाद: अरविन्द गुप्ता
प्रकाशक: रोअरिंग ब्रूक प्रेस, न्यू यॉर्क

इस किताब से मैं हाल ही में परिचित हुई और पढ़ते ही इसकी अपनी एक कॉपी की चाह मन में बन गई. कवरपेज देखकर ही पता चलता है की इस किताब को चित्रांकन के लिए एक अवार्ड भी मिला है और किताब देखकर ये स्पष्ट हो जाता है की क्यों मिला होगा| इस किताब के शांत, सॉफ्ट रंग छू जाते हैं और उनमे छुपी अमोस की कहानी| हर पेज पर अमोस की एकांत और बंधी–बंधाई ज़िन्दगी से हम उजागर होते हैं| शुरू में लगता है कि अमोस अपने रोज़ के कार्य पर जा रहा है और जानवरों की देखभाल करता है लेकिन जैसे–जैसे हम आगे बढ़ते हैं, ये नजरिया पलट जाता है और उसके साथ–साथ चित्रांकन भी| जैसे हाथी के साथ चेस अमोस बाद में फिर खेलता है, बस देखने का नजरिया अब कुछ और हो जाता है| यह कहानी में एक दोहराव लाता भी है और नहीं भी|

जानवरों के साथ हम भी बीमार अमोस से मिलने निकल पड़ते हैं और उसकी ज़िन्दगी में दाखिल हो जाते हैं| ये ख़ूबसूरती है इस किताब के चित्रांकन कि जो शब्दों से कहीं आगे आपको ले जाते हैं| इस कहानी में अमोस और उसके दोस्तों के बीच के इस रिश्ते को हम महसूस कर सकते हैं| कछुए के साथ लुक्का–छुपी खलेने वाला चित्र और अंत में जब सभी एक साथ सो जाते हैं वह चित्र, बहुत ही उंदा हैं और मेरे पसंदीदा भी| चित्रांकन और शब्दों, दोनों में ही बहुत सरल, सहज तरीके से प्यार, ख्याल रखने और और दोस्ती के जज़्बात उभरते हैं|

एलईसी के बाद खुला बाल साहित्य का संसार

कुँवर सिंह ने छत्तीसगढ़ के पेण्ड्रा जिले के खोडरी खोंसरा गाँव में रहते हुए 2007 में बारहवीं पास की। फिर स्थानीय शिक्षक कृष्णानन्द पांडे ने रायपुर के घासीदास महाविद्यालय जाने के लिए कहा।…

Anil Singh Library Educator's Course 7th March 2024 Hindi

‘एलईसी’ के बाद खुद को ‘लाइब्रेरी एजुकेटर’ कह पाया

तेरह साल लगे मुझे अपनी तैयारी में। हायर एजुकेशन के बाद यह तो तय था कि डेवलपमेंट सेक्टर में ही काम करना है और घर में पढ़ने लिखने का माहौल था सो एजुकेशन का क्षेत्र महत्वपूर्ण जान पड़ता था।…

Anil Singh Library Educator's Course 26th February 2024 Hindi